असम का बोगीबील पुल भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है
सुरक्षा रणनीति के नज़रिए से इस पुल को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सुरक्षा जानकारों का मानना है कि ब्रह्मपुत्र के दोनों तरफ बसे लोगों की कनेक्टिविटी के अलावा असम के इस हिस्से को चीन की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश से जोड़ना बेहद ज़रूरी था. ताकि बिना किसी दिक़्क़त के भारतीय फ़ौज अपने सामान के साथ सीमावर्ती प्रदेश के आख़िरी छोर तक कम समय में पहुंच सके. दरअसल, 5,900 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनकर तैयार हुए बोगीबिल पुल के नीचे की तरफ़ दो रेल लाइन बिछाई गई हैं और उसके ऊपर तीन लेन की सड़क बनाई गई है, जिस पर भारी सैन्य टैंक आसानी से गुजर सकेंगे. इस पुल के शुरू होने के साथ ही असम से अरुणाचल प्रदेश के बीच की यात्रा का समय चार घंटे कम हो जाएगा. जबकि दिल्ली से डिब्रूगढ़ के बीच ट्रेन यात्रा में तीन घंटे की कटौती होगी. इसके अलावा इस पुल की वजह से धेमाजी से डिब्रूगढ़ की दूरी महज 100 किलोमीटर रह जाएगी, जो सिर्फ़ 3 घंटे में पूरी की जा सकेगी. जबकि इससे पहले दोनों शहरों का फ़ासला 500 किलोमीटर का था, जिसे पूरा करने में 24 घंटे का वक्त लगता था. 1962 युद्ध के बाद उठी थी मांग बोगीबील पुल प