CBI केस पर CJI बोले- 10 दिन में जांच पूरी करे CVC, SC करेगी निगरानी

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में मचा घमासान अब देश की सबसे बड़ी अदालत के दर पर पहुंच गया है. छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और एक एनजीओ द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई कर रहा है. इन दो मुख्य याचिकाओं के अलावा सुप्रीम कोर्ट वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण द्वारा दाखिल याचिका पर भी विचार कर सकता है.

बड़े अपडेट्स -

11.25 AM: सीबीआई मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि वह इस मामले को देखेंगे, उन्होंने सीवीसी से अपनी जांच अगले 10 दिन में पूरी करने को कहा है,  ये जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में होगी.

11.18 AM: आलोक वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, आलोक वर्मा की तरफ से FS नरीमन जिरह कर रहे हैं. उन्होंने अपनी जिरह में 2 साल कार्यकाल के प्रावधान का जिक्र किया. नरीमन ने इस दौरान विनीत नारायण केस का उदाहरण दिया. आलोक वर्मा की तरफ से नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेबलिशमेंट एक्ट लागू होना चाहिए.

11.13 AM: राकेश अस्थाना की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की गई है. उन्होंने आलोक वर्मा को सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटाने की मांग की है. याचिका में राकेश अस्थाना ने कहा कि उन्हें सीबीआई में शिकार बनाया गया.

10.22 AM: सुनवाई से पहले मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये केस भी अन्य केस की तरह ही है. वह इसपर कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे.

10.15 AM: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले राकेश अस्थाना अपने वकील मुकुल रोहतगी से मिलने पहुंचे.

सीबीआई से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल एवं जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ करेगी. इन याचिकाओं में नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर बनाने का भी विरोध किया गया है.

किसकी तरफ से कौन रखेगा पक्ष

- आलोक वर्मा की तरफ से सीनियर वकील FS नरीमन, संजय हेगड़े

- राकेश अस्थाना की तरफ से मुकुल रोहतगी

- सीवीसी की तरफ से अटॉर्नी जनरल, सॉलिसिटर जनरल

क्या हो सकता है सरकार का तर्क

> सरकार का तर्क हो सकता है कि आलोक वर्मा को हटाया नहीं गया है, सिर्फ छुट्टी पर भेजा गया है

> सीबीआई की संस्थानिक अखंडता को बचाने के लिए ये कदम उठाया गया

> CVC की देखरेख में दोनों पर लगे आरोपों की जांच हो रही है

> संस्थानिक अखंडता किसी एक व्यक्ति से ज्यादा अहम

आलोक वर्मा ने अपनी याचिका में उनके सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटाने का विरोध किया है. वर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार सीबीआई की स्वायत्ता को संकट में डाल रही है और उसके कामकाज में दखल दे रही है.

प्रशांत भूषण ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका में कहा है कि सीबीआई कथित राफेल घोटाला मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है. इसलिए उसे पर इसपर कार्रवाई का आदेश दिया जाए.

गौरतलब है कि सीबीआई में सामने आए घूसकांड के बाद सीवीसी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने डायरेक्टर आलोक वर्मा, स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था. विपक्षी पार्टियां आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने का कड़ा विरोध कर रही हैं.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि CBI ने राकेश अस्थाना (स्पेशल डायरेक्टर) और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को सीबीआई ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया.

सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टी पर भेज दिया. और जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया. चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया.

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